छत्तीसगढ़ : राज्य सरकार राज्य में पशुधन की बेहतर देखभाल के उद्देश्य से गाँव में गोठान बनाए गए हैं। लेकिन इसका संचालन सिर्फ कागजों तक सीमित है।
फसल को चराई से बचाने के लिये पशुओं को नियमित रूप से गोठान में लाने हेतु रोका-छेका अभियान चला रही है लेकिन मवेशी सड़क पर है। कोरबा जिले के सड़को पर
आपको मवेशियों का दल हर जगह पर देखने को मिलेगा। मुख्य मार्गों के चौक चौराहों पर मवेशी शाम रात तक बैठे रहते हैं।सड़को पर रात को चलना मुश्किल हो जाता है।
इन मार्गों पर मवेशियों का जमावाड़ा
उरगा हाटी मार्ग पर नोनबिरा, करतला, चचिया, और कुदमुरा चौराहा आदि, झगरहा-कोरकोमा-पसरखेत मार्ग पर आमाडांड ,कोरकोमा, बताती और पसरखेत बस स्टैंड में ,कुदमुरा- श्यांग मार्ग में जिल्गा, बरपाली, गिरारी में मवेशियों का दल शाम-रात को सड़क पर देख सकते हैं। मवेशियों से दुर्घटना का खतरा अधिक बढ़ जाता है। रात्रि के समय अंधेरे में कई बार तेज रफ्तार वाहन मवेशी से टकरा जाते हंै। इससे दुर्घटना में मवेशी घायल और कइयों की मौत हो जाती है।
मवेशियों की संख्या में रोजाना हो रही वृद्धि
सड़कों पर मवेशियों की संख्या में रोजाना वृद्धि हो रही है।एक कारण यह भी हो सकता है कि मवेशी के
मालिक मवेशियों से काम लेकर उन्हें छोड़ देते हैं। या तो जहां चराऊ भूमि नही है वहां के लोग मवेशियों को वनांचल ग्रामीण क्षेत्रों में छोड़ जाते है। इसी लिए संख्या में वृद्धि हो रही है।
गौठान बना सिर्फ नाम का…
राज्य सरकार ने जिले के गाँवों में गौठान बना दिया गया है यह देखने से पता चलता है यहां आपको एक भी मवेशी नजर नही आएंगे।इसका सदुपयोग नही हो रहा है।
