Thursday, July 31, 2025

माधव नेशनल पार्क में 27 साल बाद फिर से लाए गए 2 बाघ,अब गूंजेगी दहाड़

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा गुरुवार को माधव राष्ट्रीय उद्यान में बाघ छोड़ा। माधव में पूरे 27 साल बाद एक बार फिर से बाघ की दहाड़ सुनाई देगी। माधव में 1990- 91 तक काफी संख्या में बाघ हुआ करते थे, लेकिन अंतिम बार 1996 में यहां बाघ देखा गया था।अब यहां बाघ दिखाई देंगे।जिसका केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा माधव राष्ट्रीय उद्यान में दो बाघों को छोड़े जाने की सिलसिलेवार ट्वीट कर जानकारी दी। बांधवगढ़ से एक मादा बाघ और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से एक नर बाघ को लाकर माधव राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ा गया। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से साढ़े तीन साल की बाघिन को माधव नेशनल पार्क, मध्य प्रदेश में विशेष रूप से बनाए गए सॉफ्ट रिलीज एनक्लोजर में रखा गया है। श्री यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत वन्यजीव संरक्षण और स्थानीय समुदायों के लिए पर्यटन संबंधी आजीविका के अवसरों को बढ़ावा देने में अभूतपूर्व प्रगति कर रहा है।

1956 में अधिसूचित मध्य प्रदेश के सबसे पुराने राष्ट्रीय उद्यानों में से एक माधव राष्ट्रीय उद्यान में अतीत में बाघों की अच्छी खासी आबादी रही है। इन वर्षों में, राष्ट्रीय उद्यान में बाघ की छिटपुट उपस्थिति थी और आखिरी बार बाघ की उपस्थिति 2012 में देखी गई थी। 354.61 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैले इस पार्क का स्थान संरक्षण महत्व रखता है क्योंकि इसमें राजस्थान में रणथंभौर टाइगर रिजर्व के साथ मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व को जोड़ने की क्षमता है।माधव राष्ट्रीय उद्यान में बाघों की आबादी को फिर से बहाल करने के प्रस्ताव के तहत मध्य प्रदेश वन विभाग ने बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व और पन्ना टाइगर रिजर्व और भोपाल के आसपास से 5 बाघों (2 नर और 3 मादा) को स्थानांतरित करने की योजना तैयार की थी। बाघों के रहने के लिए 1.3 हेक्टेयर के 3 बाड़े बनाए गए हैं। इनमें से प्रत्येक बाड़े को गेट के माध्यम से आपस में जोड़ा गया है और पानी, छाया और प्राकृतिक वृक्षों के आवरण के लिए प्रावधान किया गया है। फील्ड स्टाफ द्वारा नए लाए गए बाघों पर चौबीसों घंटे नजर रखी जाएगी। बाघों की निगरानी के लिए बचाव वाहन, पिंजरों, इमोबिलाइजिंग गन, ड्रग्स से लैस एक पूर्णकालिक पशु चिकित्सक को राष्ट्रीय उद्यान में तैनात किया गया है।

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